राशी का घातचक्र / Rashi Ghaat Chakra






राशी का घातचक्र

 

(घात अर्थात् दर्दनाक, दर्द देने वाला, मारना)


निचे दी गई तालिका में अपनी जन्म राशी अनुसार दिए गए घातमास, घाततिथि, घातवार, घातनक्षत्र, घातयोग, घातकरण, घातप्रहार, घातचन्द्र, इन काल में कोई भी नया अथवा शुभ कार्य शुरू करना, अथवा प्रवास, सरकारी काम, मुलाकात, युद्ध, विवाद, राजदर्शन, रोगपरिहारार्थ किये जाने वाले उपाय, कुमारिपुजन, राजसेवा, वाहन का उपयोग करने की शुरुवात, शास्त्र सम्बन्धी कार्य, नौकरी, अथवा पदभार संभालना, इत्यादि वर्ज्य है, (नहीं करना चाहिए) |


 (नोट: विवाह, उपनयन, मंगलकार्य, यज्ञ, तीर्थयात्रा, में इसका वर्ज्य करने की आवश्यकता नहीं)


जैसे आप की जन्म राशी “मेष” है, और आप रविवार को कोई शुभ कार्य शुरू करने का सोच रहे है, परन्तु रविवार “मेष” राशी वाले के लिए घातवार है, इसलिए रविवार को शुरू करने का विचार त्याग कर पंचांग शुद्धि के बाद अन्य कोई वार चुने | इसी तरह देखे अन्य घात- मास, तिथि, नक्षत्र, योग, प्रहर, चन्द्र इनमे से कोई हो तो उनका त्याग करे |


(नोट: अगर पहले से कोई कार्य शुरू है तो जारी रखने के लिए घातचक्र देखने की जरुरत नहीं)


 राशी घातचक्र